सर्व आदिवासी समाज का राष्ट्रीय सम्मेलन 12 और 13 सितंबर को, अनेक देशों के समुदाय भी होंगे शामिल

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जिवराखन लाल उसारे छत्तीसगढ़ ग्रामीण न्युज

रायपुर। सर्व आदिवासी समाज का राष्ट्रीय सम्मेलन 12 और 13 सितंबर को अन्य प्रदेशों एवं देशों समुदाय के लोग होंगे शामिल रायपुर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सर्व आदिवासी समाज का अपने संवैधानिक अधिकारों और आदिवासी समाज एवं प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण तथा बोली भाषा और पारंपरिक ज्ञान में वैज्ञानिकता का महत्व पर विशेष प्रकाश डाला जाएगा वहीं आज के परिवेश में शासन द्वारा बनाए गए कानूनों के हो रहे इस दूस प्रणाम के विषय पर विस्तृत चर्चा एवं सेमिनार का आयोजन किया जाएगा जिसे समाज से आए हुए सभी महिला एवं पुरुष अपने परिवेश के साथ साइंस कॉलेज मैदान से जयस्तंभ चौक तक भाग रैली का आयोजन भी करेंगे तथा उनके उपरांत राज्य शासन एवं केंद्र शासन को अपने अधिकार एवं समस्याओं को अवगत करा जाएगा।

इस कार्यक्रम की जानकारी प्रेस वार्ता में जान कारी दी बी .एस.रावटे प्रांत अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ अकबर कोर्रम पूर्व (DIG ) गोंड समाज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विनोद नागवंशी सचिव सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ जयपाल ठाकुर गोंड समाज सचिव छत्तीसगढ़ अशोक चौधरी गुजरात आदिवासी समन्वय समिति भारत रामनाथ सायं महासचिव सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ सेवंती पन्ना जसपुर आदिवासी समन्वय मंच सावना मीरा राजस्थान आदिवासी समन्वय मंच रामलाल मीणा राष्ट्रीय एसटी एससी सदस्य Aसंस्टीन अंडमान निकोबार

राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन आयोजक:
आदिवासी समन्वय मंच , सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ एवं समस्त आदिवासी समुदाय भारत

सेमिनार : विषय एवं संचालन

(१) विकास की आधुनिक अवधारणा में आदिवासी एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, संवर्धन एवं पुनः निर्माण
(२) पारंपरिक ग्यान के संरक्षण एवं प्रसारण में आदिवासी महिलाओं की भूमिका ।
-महिलाओं का संपत्ति पर अधिकार
-महिलाओं की समस्याएं
-महिला सुरक्षा कानून
(३) आदिवासीओं के राष्ट्रीय एवं आंतरराष्ट्रिय अधिकार और वास्तविक स्थिति ।
-भूमी अधिग्रहण कानून, एट्रोसीटी एवं कॉर्ट के फैसले
-विस्थापन
-जन जाति नीति
-पेसा, वन अधिकार एवं वन संरक्षण कानून
(४) शिक्षा एवं रोजगार, अनुसूचित क्षेत्र में नौकरीओं में पदोन्नति, तृतीय -चतुर्थ वर्ग में १००% आरक्षण, युवाओं के सामने चूनौतियाँ ।
(५) आदिवासी कला एवं संस्कृति, बोली – भाषा, साहित्य, इतिहास, हुन्नर एवं ग्यान का संशोधन, दस्तावेज़ीकरण एवं प्रसारण ।
(६) सम सामयिक समस्याएं
-जन जातिओं को मूल सूचि में शामिल नहीं करना
-राज्यों का पुन: गठन
-आदिवासियों पर अत्याचार
-परिसीमन (डी लिस्टींग)
-अलग जन गणना कॉलम
-कुपोषण, स्वास्थ्य