दोनों बेटे हुए कोरोना संक्रमित, सुरक्षा और सही इलाज से लौटे सकुशल घर

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लोगों को दे रहीं है सावधानी व सुरक्षा बरतने की सीख
बिलासपुर. अगस्त 11
बिलासपुर संभाग की ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ और कोविड अस्पताल की इंचार्ज डॉ. मधुलिका सिंह के जीवन में कोरोना संक्रमण के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब उन्हें मां की ममता और डॉक्टर के फर्ज दोनों में से किसी एक को चुनना था।
यह पल था बीते 24 जुलाई की शाम 7.30 बजे काजब डॉ. सिंह को पता चला की उनका बेटा डॉ. अपूर्व कोविड-19 पॉजिटिव हो गया है। एक पल के लिए तो उन्हें ऐसा लगा मानों उनके शरीर से किसी ने जान ही निकाल ली है। पांच मिनट तो वह कुछ बोल ही नहीं पाईं, क्योंकि एक मां की ममता उन्हें कुछ सोचने समझने नहीं दे रही थी लेकिन कुछ क्षणों बाद डॉ. सिहं ने एक अच्छे डॉक्टर और कोविड हॉस्पिटल इंचार्ज का फर्ज समझा और सीधे उस कमरे में पहुंची जहां उनके बेटे ने खुद को क्वरंटाइन करके रखा था। डॉ. सिंह ने अपूर्व को बाहर से आवाज दी कि उसकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और उसे हॉस्पिटल जाना होगा। यह कहानी बयां करते-करते डॉ. सिंह की आंखे नम हो गईं लेकिन वह भागवान का धन्यवाद करते दिखीं कि उनके उम्रदराज़माता-पिता सुरक्षितरहे|

डॉ. सिंह ने बताया 24 जुलाई की शाम उनके मोबाइल में डिप्टी कलेक्टर व जिले की नोडल अफसरअंशिका मैडम का फोन आया और उन्होंने ही सबसे पहले यह जानकारी दी। उन्होंने डॉ. सिंह को दिलासा दिया और घर में एक डॉक्टर की भूमिका अदा करने को कहा। इसके बाद डॉ. सिंह ने सबसे पहले अपनी 84 साल की मां को उनके दूसरे घर भेजा। 87 वषीर्य उनके पिता वहीं रहे। पूरी रात उन्होंने जाग कर बितायीऔर बेटे को खुद के ऑब्जर्वेशन में रखा। अगली सुबह कोविड हॉस्पिटल से गाड़ी आई और डॉ. अपूर्व को हॉस्पिटल लेकर गई। वहां कुछ दिन के इलाज के बाद ही उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ और उन्हें डिस्चार्ज किया गया।

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डॉ. अपूर्व ने दिया साहस का परिचय

कोविड-19 पॉजिटिव होने की जानकारी होने के बाद भी डॉ. मधुलिका सिंह के बेटे डॉ. अपूर्व सिंह परेशाननहीं हुए। उन्होंने अपनी मां को दिलासा दिया और कहा कि एंबुलेंस के ड्राईवर को बोलें कि वह सायरन बजाते हुए घर आए और सायरन बजाते हुए ही उन्हें हॉस्पिटल ले जाए। इससे लोगों को बता चलेगा कि डॉ. अपूर्व कोरोना संक्रमित हुए हैं और ठीक होकर आने पर उनसे लोग सीख ले सकें। हॉस्पिटल में भर्ती होने बाद भी अपूर्व एक स्वस्थ्य व्यक्ति की तरह रहे। प्राईवेट रूम का बल्ब और एसी का रिमोट खराब था तो उन्होंने खुद ही उसे ठीक कर लिया। रूम की खिड़कियों में चादर को बांधकर कवर किया। वहां से ठीक होकर जाते समय वह सभी अस्पताल के स्टॉफ से मिले और उनके नेक कार्य का अभिवादन भी किया।

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बड़े बेटे की रिपोर्ट भी आई पॉजिटिव
डॉ. मधुलिका सिंह ने बताया कि उनकी परीक्षा की घड़ी यहीं खत्म नहीं हुई। डॉ. अपूर्व के कोविड पॉजिटिव होने के बाद उन्होंने घर के सभी 8 सदस्य का भी कोविड-19 टेस्ट कराया। इसमें बड़े बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उनका बेटा कुछ समय पहले ही मस्कट से वापस आया था। उसने नाराजगी भी जताई कि वह यदि विदेश में रहता तो संक्रमित नहीं होता। इसके बाद उसने भी धैर्य का परिचय दिया। आज डॉ. सिंह का परिवार पूरी तरह से कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित है और उनके दोनों बेटे भी स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं।

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सावधानी ही है बचाव
डॉ. मधुलिका सिंह का कहना है कि लोगों के दिमाग में बैठ गया है कि सेनेटाजर से संक्रमण खत्म हो जाता है। इससे वह हांथ धोने के प्रति गंभीर नहीं हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि हो सके तो वह हाथों को सेनेटाइज करने की जगह थोड़ी-थोड़ी देर में साबुन से धोते रहें। इतना ही नहीं घर के बाहर जाने और बाहर से आने के दौरन किसी भी चीज को रुमाल या टिश्यू पेपर के सहारे पकड़ें। इसके बाद टिस्शु काठीकतरीके से निस्तारणकरें और रुमाल को साबुन से धोएं। मास्क का उपयोग जरूर करें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें। इससे हम कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं।