राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन राज्य कार्यालय से नियुक्त 1500 कर्मचारी अधिकारी के नियुक्ति दस्तावेज गायब*

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जिवराखन लाल उसारे छत्तीसगढ़ ग्रामीण न्युज
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के संचालन हेतु वित्तीय प्रबंधन का कार्य सम्पादित कराया जाता है ।
राजधानी कार्यालय में जिला स्तर पर वित्तीय प्रवाह एवं लेखा जोखा संधारण करने हेतु लगभग 130 कर्मचारी अधिकारि संविदा है । मिशन संचालक द्वारा विभिन्न जिलों के लिए लगभग 1000 अधिकारी, चिकित्सक एवं अन्य संवर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है । जिला स्तर परH कलेक्टर /मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नियुक्ति प्रदान की गई है । प्रदेश के इन लगभग दस हजार कर्मचारी अधिकारी का प्रतिवर्ष गुण दोष के आधार पर छः माह/एक वर्ष के लिये सेवा अवधि बढाई जाती है । अधिकांश की सेवा अवधि 10 से 15 वर्ष हो चुका है ।
*जिन अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति जिस कार्यालय द्वारा किया गया है उन सभी की नियुक्ति के समय मांगी गई समस्त दस्तावेज (शैक्षणिक अंकसूची,निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र,विषय योग्यता प्रमाण पत्र एवं अन्य दस्तावेज उस कार्यालय के मानव संसाधन शाखा(HR) में संधारित होता है* ।
मिशन संचालक कार्यालय से लगभग सभी अधिकारी कर्मचारीयों की कार्यालय से नियुक्ति संबंधित समस्त दस्तावेज गायब हो गया है । सभी कर्मचारी अधिकारी की नॉकरी खतरे में पड़ गई है । मिशन संचालक द्वारा अपने कार्यालय के सभी कर्मियों से जी 10 से 15 वर्षों से कार्यरत हैं उन *सभी को पत्र जारी कर उनसे नियुक्तिआदेश की प्रति,कार्यालय में उपस्थित पत्र की कॉपी,शैक्षणिक योग्यता से संबंधित समस्त वर्षों की अंक सूची की प्रति, 10 वीं की अंक सूची, मूल निवास प्रमाण की प्रति , जाति प्रमाण पत्र की प्रति, आधार कार्ड पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस की प्रति, इन समस्त की प्रति के साथ स्वयं उपस्थित होकर मानव संसाधन शाखा में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने निर्देश पत्र जारी किया गया है।जिसके लिए 7 दिवस निर्धारित किया गया है*
प्रश्न ये उठता है कि समस्त नियुक्ति प्राप्त कर्मियों का रिकार्ड संधारण का जिम्मा मानव संसाधन शाखा को है जिन्होंने अपनी जवाबदारी नही निभाई जिसके कारण सभी के सदस्तावेज गायब हो गए उनके खिलाफ मिशन संचालक द्वारा क्या कार्यवाही की गई ?
शासन के नियमानुसार जांच कर दोषी तय कर उसके खिलाफ पुलिस में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने पश्चात संबंधितों से दस्तावेज मांगा जाना चाहिए था ।जिन कर्मियों को सेवा देते 10 से 15 वर्ष हो चुके हैं उनके पास यदि दस्तावेज उपलब्ध नही होंगे तो उसकी सेवा समाप्त हो सकती है ।
प्रश्न यह भी उठता है कि जब कर्मियों के नियुक्ति संबन्धित कोई दस्तावेज मानव संसाधन शाखा में उपलब्ध नही है तो किस आधार पर प्रति वर्ष कर्मियों की सेवा अवधि बढ़ाई जाती है ?
यदि राज्य कार्यालय ही रिकार्ड संधारण करने में इतनी लापरवाही बरत रहा है तो जिला स्तर पर क्या स्थिति होगी ।
जिस तरीके से मिशन संचालक मानव संसाधन शाखा जिसके पास पूरे प्रदेश के कर्मियों का रिकार्ड संधारण की जवाबदारी निभा रहा है इससे तो यही प्रतीत होता है पूरे प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों का नियुक्ति रिकार्ड संधारण नही हो रहा है या लापरवाही से गायब हो चुका है।
यह बहुत गंभीर प्रकरण है इसके लिए मिशन संचालक एवं संयुक्त संचालक तथा मानव संसाधन शाखा में कार्यरत सभी कर्मि पूर्णरूप से जिम्मेदार हैं । शासन इन सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करे।

 

 

शासन ऐसे अधिकारियों को तत्काल पद से हटाते हुए