वनग्राम जेवरा में आदिवासी सरकार” की आगाज .

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जिवराखन लाल उसारे छत्तीसगढ़ ग्रामीण न्यूज़ 

मस्तुरी विधान सभा क्षेत्र…. जोंधरा से लेकर खोंधरा तक…. विकास और पिछड़ेपन की उजली –अंधियारी तस्वीर पेश करता है. सीपत जैरामनगर मस्तुरी मल्हार से जोंधरा तक चमचमाती चिकनी पक्की सड़कें पक्के मकान और खुशहाल लोग मिलेंगे. लेकिन सीपत से आगे खम्हरिया की और आगे बढ़ेंगे तो सोंठी.. नवापारा… जेवरा और आगे खोंधरा तक संकरी कटी फटी सड़कें, जंगल के बीच वाहन ख़राब हो जाए तो भगवन भरोसे ही रहना पड़ेगा. ऐसे जंगल पार कर सोंथी पहाड़ के तलहटी में वनग्राम जेवरा में समाज सत्ता की और अग्रसर अभियान में पहुंचे.

गाँव में अधिकांश खपरैल के छत वाले कच्चे मकान हैं. गली के रास्ते भी कच्चे हैं और कीचड़ युक्त हैं. मस्तुरी मल्हार क्षेत्र के गाँवों में पक्के कंक्रीट के सड़क बन गए हैं. .मरार और गोंड आदिवासियों के चार पांच अलग थलग टोले मिलकर गाँव बना है. विश्वास नहीं होता कि मस्तुरी – मल्हार क्षेत्र के गाँव में हैं. लोगों की आशा और आकाँक्षाएं बुझी बुझी सी लगी. मैंने गाँव की पिछड़ेपन, लोगों की विपन्नता, और पंचायती राज व्यवस्था को लेकर उन्हें कुरेदने की कोशिश की लेकिन व्यवस्था के प्रति कोई तीखी प्रतिक्रिया और आक्रोश देखने को नही मिला. एक अजीब सी उदासीनता और वर्तमान स्थिति को नियति स्वीकार लेने की मानसिकता ही दिखी. एक तरफ प्रदेश की राजधानी … जन-जंगल विहीन नया रायपुर में चौड़ी चौड़ी चमचमाती सड़कों का विन्यास और जंगलों में आदिवासियों के लिए न्यूनतम आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव को क्या कहा जाय ? सामजिक न्याय या अन्याय ? ग्रोथ ? .. बढ़ोतरी ? …. अमीर की अमीरी और गरीब की गरीबी की बढ़ोतरी.
ऐसे बनगवां क्षेत्र के गाँव जेवरा में समाज सता की ओर … अभियान की गोठ-बात के लिये बैठे. जिनमे गाँव के सियान लोग सर्वश्री जनीराम मरकाम सचिव गोंड सभा खरौदराज, लोकनाथ उइके, दुलार जायसवाल, राम चरण, सीताराम, गणेश राम, नारायण सिंह, जयसिंह सिन्द्राम घासीराम सहित कई सम्मानित जन उपस्थित रहे..

जिला अध्यक्ष रमेशचंद्र श्याम के साथ बिलासपुर से सर्वश्री, सुखरान खूंटे गुरूजी. समय सिंह गोंड़ बिलासपुर जिला कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा, अमृतलाल मरावी उपाध्यक्ष सीपत परिक्षेत्र युवा प्र. फिरतराम मरकाम. बैठक में सम्मिलित हुए.