ब्लड ट्रांसफ्यूज़न सेवाओं को लेकर राष्ट्रीय रक्त संचार परिषद ने जारी किये दिशानिर्देश

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• कोविड-19 महामारी के दौरान जारी किया गया दूसरा दिशानिर्देश
• एड्स कण्ट्रोल सोसाइटीज एवं स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूज़न काउंसिल को दिशानिर्देश अनुपालन करने के निर्देश
• स्वैच्छिक रक्तदान के दौरान संक्रमण से बचाव के लिए दी गयी जानकारी
• रक्तदाताओं को संक्रमण को लेकर जागरूक करने के निर्देश
रायपुर/ 1 जुलाई: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने कई आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. सरकार इस चुनौती का मुकाबला करते हुए धीरे-धीरे जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय रक्त संचार परिषद, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने ब्लड ट्रांसफ्यूज़न सेवाओं को लेकर दिशानिर्देश जारी की है. कोविड-19 महामारी के दौर में राष्ट्रीय रक्त संचार परिषद द्वारा जारी किया गया यह दूसरा दिशानिर्देश है. ब्लड ट्रांसफ्यूज़न सेवाओं को लेकर पहला दिशानिर्देश 25 मार्च को ही जारी किया गया था. कोविड-19 के नए साक्ष्यों एवं विश्व स्वास्थ्य संघटन द्वारा प्रदान किये गए इनपुट के मद्देनजर राष्ट्रीय रक्त संचार परिषद ने ब्लड ट्रांसफ्यूज़न सेवाओं को लेकर दूसरा दिशानिर्देश जारी किया है. साथ ही कोरोना महामारी के बढ़ते प्रसार को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों के एड्स कण्ट्रोल सोसाइटीज एवं स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूज़न काउंसिल कोदिशानिर्देशों के अनुपालन करते हुए ब्लड सेंटर में खून की उपलबध्ता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं.
ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के माध्यम से संक्रमण प्रसार के खतरे को कई रिसर्च संस्थाओं ने नाकारा:
दिशानिर्देश में बताया गया है कि कोरियन रेड क्रॉस ब्लड सर्विसेज ने रक्तदाता द्वारा दी गयी ब्लड कॉम्पोनेट्स में कोरोना संक्रमण की पहचान नहीं कर सकी. यद्यपि ऐसे रक्तदाताओं के शुरूआती सैंपल नेगेटिव थे. वहीं चीन के एक अध्ययन में 500 रक्तदाताओं में 4 रक्तदाता कोरोना संक्रमित मिले हैं. लेकिन पिछले दो दशक से 2 कोरोनावायरस( SARS एवं MERS-CoV) का ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के माध्यम से प्रसार होने की कोई पुष्टि नहीं हुयी है. अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ ब्लड बैंक्स एवं सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल जैसे रिसर्च संस्थाओं ने बताया है कि ब्लड कलेक्शन इकाईयों को कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर अतिरिक्त कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है. अभी तक ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जिससे ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के जरिए कोविड-19 प्रसार की पुष्टि की जा सके.
स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहित करना जरुरी:
दिशानिर्देश के अनुसार ब्लड केन्द्रों का परिचालन स्वैच्छिक रक्तदान पर ही निर्भर करता है. थेलेसेमिया, गंभीर एक्सीडेंट, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों को आपातकाल स्थिति में खून की निरंतर जरूरत होती है. गंभीर रोगों में ब्लड की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खून का स्टॉक होना जरुरी है. इसके लिए सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए ब्लड कलेक्शन एवं स्वैच्छिक रक्तदान को जारी रखने की जरूरत है.
रक्तदान के दौरान इन बातों का ख्याल रखने के निर्देश:
• ऐसे रक्तदाता जो कोविड-19 से संक्रमित हो, किसी संक्रमित के संपर्क में रहा हो एवं कोविड-19 प्रभावित क्षेत्र की ट्रेवल हिस्ट्री रही हो, उन्हें रक्तदान से रोकना
• रक्तदान के लिए मास लेवल पर शिविर का आयोजन नहीं करना
• रक्तदान साईट पर स्वास्थ्यकर्मियों एवं रक्तदाताओं द्वारा सामजिक दूरी का पालन करना
• उपयोग किये हुए ग्लव्स, मास्क, कैप्स एवं अन्य मेडिकल वेस्ट का सुरक्षित निस्तारण
• स्वास्थ्यकर्मियों एवं रक्तदाताओं द्वारा हाथों की पानी एवं साबुन से साफ़ करना या अल्कोहल बेस्ड हैण्ड सेनेटाईजर का इस्तेमाल करना
स्वैच्छिक रक्तदान के लिए उठाये जाने वाले कदम:

कोरोना संक्रमण काल में स्वैच्छिक रक्तदान की चुनौतियों को कम करने के लिए दिशानिर्देश में जानकारी दी गयी है. रक्तदाता की सहूलियत के लिए स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूज़न काउंसिल द्वारा चिन्हित लाइसेंस्ड ब्लड सेंटर द्वारा डोनर अपॉइंटमेंट लेटर निर्गत करने की बात कही गयी है. साथ ही आउटडोर ब्लड डोनेशन के लिए समन्वय स्थापित कर ब्लड मोबाइल वैन एवं ब्लड ट्रांसपोर्टेशन वैन का आदेश प्राप्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके लिए स्वैच्छिक रक्तदान संस्थाओं को शामिल कर उनसे सहयोग प्राप्त करने पर भी जोर दिया गया है. साथ ही कोरोना संक्रमणकाल में ब्लड ट्रांसफ्यूज़न को लेकर समुदाय में फैली किसी भी तरह की भ्रांति को दूर करने के लिए रक्तदाताओं को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं.