कलेक्टरों की सर्जरी

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धणु  बाड  जिवराखन लाल उसारे छत्तीसगढ़ ग्रामीण न्युज रायपुरस के लिए 2021 बड़ी चुनौतीपूर्ण रही। अजय यादव जैसे ठीक-ठाक कप्तान को असहज स्थिति में हटना पड़ गया। अजय के बाद आए प्रशांत अग्रवाल भी समझ गए होंगे कि रायपुर की पोलिसिंग तलवार की धार पर चलने से कम नहीं है। बहरहाल, साले खतम होते-होते कालीचरण महाराज ने रायपुर पुलिस की साख जरूर ब़ढ़ा दी। मीडिया में जब ये इनपुट्स आई कि कालीचरण को ढूंढने रायपुर पुलिस की टीमें मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र गई हैं तो लगा कि पुलिस खाली लाठी पिट रही है। लेकिन, गुरूवार को सुबह-सुबह खबरें आई कि पेशेेवर अंदाज में पुलिस ने कालीचरण को पकड़ लिया है तो लोग वााकई चौंक पड़े। लोगों ने महाराष्ट्र पुलिस के बारे में ऐसा सुना था या फिर फिल्मो में देखा था। पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर खजुराहों से 25 किलोमीटद दूर भक्त बनकर बागेष्वर धाम में उसी जगह पर ठहरी जहां कालीचरण रुके हुए थे। और तड़के गिरफ्तार कर रायपुर के लिए रवाना हो गई। कालीचरण एपीसोड में रायपुर पुलिस का नम्बर निष्चित तौर पर बढ़ा है।

कप्तान समेत 9 विकेट वन विभाग

2022 में पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी रिटायर होंगे। मगर वे अकेले नहीं जाएंगे, अपने साथ 8 और अफसरों को लेकर बिदा होंगे। जाहिर है, राकेश को मिलाकर वन महकमे में 9 आईएफएस इस साल रिटायर होंगे। इनमें सबसे पहला विकेट युनूस अली का गिरेगा अप्रैल में। अप्रैल में एसएसडी बड़गैया भी रिटायर होंगे। इसके बाद जून में एसएस बजाज, सितंबर में राकेश चतुर्वेदी, अक्टूबर में जय सिंह महस्के और अनुराग श्रीवास्तव, दिसंबर में पीवी नरसिंह राव, पीसी पाण्डेय और श्रीमती बीवी उमादेवी सेवानिवृत्त होंगी।

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अगला पीसीसीएफ कौन

राकेश चतुर्वेदी के बाद संजय शुक्ला को पीसीसीएफ बनना लगभग तय माना जा रहा है। संजय फिलहाल लघु वनोपज संघ में एमडी हैं। उन्हें रिजल्ट देने वाला अधिकारी माना जाता है। वर्तमान पावर केमेस्ट्री में भी उनकी स्थिति ठीक है। लिहाजा, उनके नाम पर कोई संशय तो नहीं लगता।

सितंबर में तीन विकेट

प्रशासनिक दृष्टि से 2022 काफी महत्वूपूर्ण रहेगा। ईयर एंड तक किसी सीनियर अफसर के सेंट्रल डेपुटेशन पर जाने की चर्चा है। इसके अलावा जून में राजस्व बोर्ड के चेयरमैन उमेश अग्रवाल का रिटायरमेंट है। उमेश सिकरेट्री लेवल के आईएएस हैं। अपवाद के तौर पर वे जरूर राजस्व बोर्ड के चेयरमैन का दायित्व संभाल रहे। मगर ये चीफ सिकरेट्री लेवल का कैडर पोस्ट है। बहरहाल, उमेश के बाद सितंबर में तीन आईएस रिटायर होंगे। इनमें बीवीआर सुब्रमणियम भी शामिल हैं। 87 बैच के सुब्रमणियम फिलहाल भारत सरकार में डेपुटेशन पर हैं। सुब्रमणियम के अलावा ए. टोप्पो और इमिल लकड़ा भी इस साल सितंबर में सेवानिवृत्त होंगे। दिलचस्प यह है कि ऐसे मौके कम आते हैं कि पति पहले रिटायर करें और पत्नी बाद में। सूबे की अफसरशाही में जितनी जोड़ियां हैं, सबमें पत्नी पहले, पति बाद में रिटायर हुए और आगे भी होंगे। लेकिन, आईएएस बीवीआर सुब्रमणियम इस साल सितंबर में रिटायर होंगे और उनकी आईएफएस वाइफ उमा देवी दिसंबर में। हालांकि, बीवीआर करिश्माई अफसर हैं…अगर भारत सरकार में एकाध, दो साल का एक्सटेंशन मिल गया तो फिर वो पत्नी के बाद रिटायर होंगे।

थोक में प्रमोशन

वन विभाग में लंबित प्रमोशन को डीपीसी ने क्लियर कर दिया है। फाइल अंतिम हस्ताक्षर के लिए मुख्यमंत्री के पास गई है। इसमें सीसीएफ एसएसडी बड़गैया अब एडिशनल पीसीसीएफ हो जाएंगे। वहीं, सीएफ राजेश चंदेले, मर्सी बेला, अमिताभ बाजपेयी, रामवतार दुबे समेत पांच आईएफएस सीसीएफ बन जाएंगे। वन विभाग में नीचे लेवल पर भी थोक में पदोन्नतियां हुई हैं। 131 डिप्टी रेंजर प्रमोशन पाकर रेंजर बन गए। 22 रेंजर एसडीओ बनें।

अगले साल चुनाव

कैलेंडर में 2021 से 2022 होने का फर्क कितना बडा है कि कल 31 दिसंबर की शाम तक कहा जाता था, छत्तीसगढ़ में 2023 में विधानसभा चुनाव है। और आज….अगले साल चुनाव है। चूकि अगले साल इलेक्शन ईयर है। लिहाजा अब सियासी पार्टियों की हलचल बढ़ेगी। सरकार अपनी रफ्तार और तेज करेगी तो विपक्षी पार्टियां आक्रमक होंगी। कुल मिलाकर कांग्रेस के भीतर अभी प़क्ष-विपक्ष का रोल अदा किया जा रहा था, अब इसके किरदार बदलेंगे। सोई हुई बीजेपी अब विपक्ष की भूमिका में आ सकती है।

प्रमोशन और लिस्ट

आईएएस के प्रमोशन लगभग फायनल है। सब कुछ ठीक रहा तो दो-एक दिन में आदेश जारी हो जाएंगे। 97 बैच के तीन आईएएस प्रमुचा सचिव बनेंगे और 2006 बैच के सात आईएएस सिकरेट्री। पता चला है, सिकरेट्री के प्रमोशन के बाद मंत्रालय स्तर पर सचिवों के दायित्वों में फेरबदल किया जाएगा। आधे दर्जन के करीब सिकरेट्री इधर-से-उधर किए जाने की अटकलें हैं। कुछ बोर्ड और निगमों में भी सरकार एचओडी बदलेगी।

कलेक्टरों की सर्जरी

कलेक्टरों की लिस्ट भी तैयार हो रही है। चर्चाओं के अनुसार सरकार फिलहाल लिस्ट बड़ी नहीं करना चाह रही। संकेत हैं, चेन बहुत बड़ा हुआ तो आधा दर्जन तक। हो सकता है, सरकार मई-जून में बड़ी सर्जरी करें। तब तक जरूरी समझा जाने वाला ही आदेश निकलेगा। जिन जिलों में जनप्रतिनिधियों का विरोध है, उन कलेक्टरों को बदलेगी।