गोंड समाज द्वारा बलौदाबाजार जिले में किए जा रहे सामूहिक सामाजिक विवाह पूरे देश के लिए एक मॉडल है–आर.एन. ध्रुव

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जिवराखन लाल उसारे छत्तीसगढ़ ग्रामीण न्युज 
गोंड समाज टोनाटार चक, जिला बलौदाबाजार द्वारा सामूहिक सामाजिक विवाह का आयोजन गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय सचिव आर.एन. ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अध्यक्ष मावली महासभा श्री बंसी नेताम, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री गणेश ध्रुव, विधायक भाटापारा श्री शिवरतन शर्मा, छाया विधायक भाटापारा श्री सुनील माहेश्वरी, गोंडवाना गोंड महासभा के जिला अध्यक्ष श्री राम ध्रुव, मावली महासभा के उपाध्यक्ष श्री राजीव ध्रुव, गोंडवाना गोंड महासभा के प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री रोहित मरकाम, गोंडखपरी चक के अध्यक्ष श्री सुंदर ध्रुव की उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन आयोजन समिति टोनाटार चक के अध्यक्ष श्री दौलत कुंजाम द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए श्री ध्रुव जी ने कहा कि सामूहिक सामाजिक विवाह का प्रारंभ 29 अप्रैल 2007 से गोंडखपरी एवं आदिशक्ति मां अंगारमोती गंगरेल जिला धमतरी में 37 जोड़ों के साथ प्रारंभ हुआ था।आज समाज में इतनी अधिक जागरूकता आ गई है कि इसका आयोजन इसी मार्च महीने में गोंडखपरी में 15 जोड़ी, भवानीपुर में 16 जोड़ी, कोलियरी में 17 जोड़ी , बेंद्री में 12 जोड़ी ,मुरकुटा में 11 जोड़ी एवं जोगीद्वीप गुर्रा में 28 जोड़ा सहित बलौदाबाजार जिला के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से बड़ी भव्यता पूर्वक सामूहिक सामाजिक विवाह संपन्न किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सामाजिक प्रमुखगण गांव–गांव, घर–घर जाकर सामूहिक सामाजिक विवाह से होने वाले लाभ के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शादी के नाम पर आज हम समाज के कई लोगों के जमीन, जायजाद बिकने से बचा लिये। कई लोगों को साहूकारों से अपने बाल बच्चों के शादी के नाम पर लिए जाने वाले कर्जो से मुक्ति दिला दिए। इस तरह हम ऐसे आयोजन से भारी भरकम टेंट, बाजा–गाजा, भोजन आदि के रूप में समाज का करोड़ों रुपया बचा लिए। हमें हमारे सामाजिक संस्कार जन्म, विवाह एवं मृत्यु संस्कार में अनावश्यक खर्चे जिसमें बर्तन, कपड़े आदि देने से बचना होगा। इनके स्थान पर सभी नगद राशि दें। उन्होंने कहा कि समाज में सभी का रिश्तेदारी किसी न किसी से जुड़ा रहता है। व्यक्तिगत शादी करने से सबके घर जाने में महीनों लग जाएंगे। लेकिन एक मंच पर हम सभी नाते– रिश्तेदार इकट्ठा होकर आशीर्वाद समारोह में भाग लेते हैं, जिससे समय की बचत होती है। सामूहिक विवाह में गोंडी रीति-रिवाज, धर्म– संस्कृति की रक्षा तो होती ही है।साथ में सरकारी योजनाओं का लाभ भी सीधा मिलता है। बलौदबाजार जिला में 2007 से लगातार किए जा रहे सामूहिक सामाजिक विवाह छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के लिए एक मॉडल है। हम सबको इनका अनुकरण कर अन्य जिलों अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार कर सामूहिक सामाजिक विवाह के प्रति लोगों में जागरूकता लानी होगी तभी हम समाज को अनावश्यक फिजूलखर्ची से रोक सकते हैं। इस अवसर पर हजारों की तादाद में सामाजिकजन, वर वधु के रिश्तेदार उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की सभी ने भूरी भूरी प्रशंसा किए।