अडाणी फाउंडेशन के सहयोग से की जा रही जैविक कृषि की उप संचालक – कृषि ने किया सराहना

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अंबिकापुर । अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से परसा ग्राम में चल रहे जैविक कृषि कार्यों का उप संचालक – कृषि तथा कृषि अधिकारियों ने जायजा लिया और उन्होनें किसानों के जैविक कृषि कार्यों को देखते हुए उनकी प्रशंसा की। लम्बे समय से जारी जैविक कृषि कार्यों को जिला व प्रादेशिक स्तर पर सम्बंधित अधिकारियों द्वारा कई बार सराहा जा चुका है। इसी क्रम में परसा ग्राम के जैविक कृषि कार्यों को लेकर जिले के डीडीए श्री मनीराम भगत, एस ए डी ओ श्री जी.एस .पवार, ए डी ओ श्री ए एन यादव, आर एई ओ श्री रूप साय पैकरा तथा श्री सुरेंद्र ने प्रसन्नता जाहिर की और इसे एक बेहतरीन पहल बताया। इस दौरान उन्होंने गाँव के किसानों से मुलाकात की और उनके कार्यों को बारीकी से समझा। साथ ही आगे भी इसी तरह की जैविक कृषि जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

जैविक कृषि क्षेत्र के कार्य से प्रसन्न होकर डीडीए – एग्रीकल्चर श्री मनीराम भगत ने कहा, “किसानों की इस तरह की जैविक खेती के प्रति उत्साह और उमँग को देख कर बहुत खुशी हो रही है। आगे आप सभी को शासकीय मार्गदर्शन की आवश्कयता होगी तो हम सदैव तत्पर रहेंगे।”

इस दौरान किसान सोमारू यादव ने कहा, “पहले हम जैविक खेती नहीं करते थे किंतु अब अडाणी फाउंडेशन के सहयोग से और शासकीय मार्गदर्शन से हम अपने खेत में धान की जैविक खेती कर रहे हैं। इसके लिए सभी का विशेष धन्यवाद!

उपरोक्त कृषि अधिकारियों के परसा ग्राम की जैविक खेती के दौरे पर परसा ग्राम पंचायत के सरपंच श्री झल्लूराम, उपसरपंच श्री शिव कुमार यादव, पूर्व उपसरपंच श्री उमाशंकर यादव, किसान सोमारू यादव और अडाणी फाउंडेशन के सी. एस. आर. हेड श्री राजेश रंजन सहित अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि जैविक खेती से भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो जाती है। साथ ही सिंचाई के अन्तराल में वृद्धि होती है। जैविक खेती के उपयोग से रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में भी कमी आती है और फसलों की उत्पादकता भी बढ़ती है।

परसा ग्राम को जैविक कृषि ग्राम बनाने की दिशा में जारी कार्य के अंतर्गत भविष्य में जैविक गेंहू, सब्जी व दालों की जैविक खेती करने की योजना है। इस योजना में धान की एक अन्य किस्म गोरखनाथ की खेती पर भी काम किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आवश्यक वर्मीकल्चर और ऑर्गेनिक माइक्रोन्यूट्रीएंट्स के उत्पादन को भी प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों की बेहतरी के लिए परसा गांव में 8 किसान क्ल्ब भी सक्रिय हैं जिनके माध्यम से 100 किसान संगठित किये गये हैं तथा जल्द ही एक फॉर्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किए जाने की तैयारी भी जारी है।