माननीय श्रम आयुक्त भारत सरकार नई दिल्ली (श्रम मंत्रालय) और सहायक श्रम आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन, श्रम विभाग

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प्रार्थी – बंशीराम सलामे ग्राम – कमकासुर पोस्ट- खड़गाव तह – मानपुर जिला राजनंदगांव (छ.ग ) 491229
गैर प्रार्थी –
i. गोदावरी पावर इस्पात लिमिटेड रायपुर बोरिया तिब्बु तहसील मानपुर जिला राजनांदगाव (छ.ग ) 491229
ii. श्री साई मिनरल्स बोरिया तिब्बु तहसील मानपुर जिला राजनांदगाव (छ.ग ) 491229
iii. .संबंधित प्रशासनिक अधिकारी राजनंदगांव
विषय – औद्योगिक अधिनियम 1947 की धारा 33 (C) (2) के अंतर्गत श्रम बकाया राशि मिलने के लिए आपसी बातचीत करने एवं बातचीत की विफलता के पश्चात प्रकरण को अपनी रिपोर्ट के साथ श्रम न्यायालय में हस्तांतरित करने हेतु प्रार्थना l
अधिकार क्षेत्र – संबंधित प्रकरण में औद्योगिक शांति बनाए रखने के लिए प्रदत्त अधिकार श्रम आयुक्त कार्यालय को दिए गए हैं ,ताकि board of counseling दोनों पक्षों में सुलह करके न्याय दे सके ,अर्ध न्यायिक प्रक्रिया के बगैर न्यायिक प्रक्रिया आरंभ नहीं की जा सकती , इसलिए औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 12 chapter (iv) के अंतर्गत आपके संज्ञान अधिकार में आवेदन प्रार्थना प्रेषित है l
गैर प्रार्थी द्वारा क्षेत्राधिकार कारित अपराध -।

  1. गैर प्रार्थी लगातार The mines Act 1952 के अंतर्गत chapter – (ii),(iv) (v) ,(vi) ,(vii), (viii) का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं ,साथ ही साथ The mines Rules ,1955 और The mines Rescue Rules ,1985 उल्लंघन करके अपराध कर रहा है l
  2. Ministry of mines के अंतर्गत Indian bureau of mines सारे circuiar का उल्लंघन गैर प्रार्थी द्वारा किया जा रहा है l
  3. गैर प्रार्थी के जहां-जहां भी लाइसेंस लिया है उन सभी लाइसेंसों के नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन गैर प्रार्थी द्वारा किया जा रहा है l
    गैर प्राथी को विधि का संरक्षण – गैर प्रार्थी भारत के किसी भी विधि को नहीं मानता जिसके कारण गैर प्रार्थी देशद्रोही है और उसे विधि का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए l
    गैर प्रार्थी और अधिकारियों की सांठगांठ :- गैर प्रार्थी वास्तविक रूप से सीधे कोई अपराध नहीं कर पा रहा है ,सारा अपराध अधिकारी वर्ग द्वारा कर रहे हैं l,क्योंकि श्रम विधि को लागू करने एवं उस पर उचित कार्यवाही का दायित्व अधिकारी वर्ग का है ,यह वर्ग मुख्य अपराधी है ,इस वर्ग के पास Inspection( जांच) का अधिकार है तथा दंडात्मक कार्यवाही का अधिकार है लेकिन यह वर्ग केवल मौखिक रूप से विधि को लागू करता है कभी किसी को लिखित रूप से कुछ नहीं देता l इस वर्ग में संवैधानिक पद पर बैठकर निजी स्वार्थ पूर्ति का कार्य किया है, इसलिए इस वर्ग पर व्यक्तिगत आधार पर कार्यवाही का कार्यक्रम चालू किया जा रहा हैं ,दूसरा जब हम मजदूर वर्ग संबंधित अधिकारी को लिखित में कारण या प्रत्युत्तर मांगेंगे , जिससे श्रम विधि लागू हो जाएगी हमने कभी लिखित में नहीं मांगा इसलिए श्रम विधि लागू नहीं है वरना इन अधिकारियों की इतनी हिम्मत कहां है जो हम पर अन्याय करके दिखाएं अभी कानून का संरक्षण हम लेंगे क्योंकि हम भारत की विधि के अनुरूप कार्य करते हैं जो भारत के विधि के अनुसार कार्य करेगा विधि का संरक्षण उसी को मिलेगा देशद्रोहियों को नहीं , इन अधिकारियों द्वारा प्राप्त संरक्षण के कारण गैर प्रार्थी विधि का उल्लंघन कर रहा है हम दोनों पक्षों पर कार्यवाही कर रहे हैं ताकि समस्या जड़ से ही समाप्त हो जाए संबंधित अधिकारी इस प्रकरण में बुरी तरह फंसे हुए हैं क्योंकि पूरा प्रकरण लिखित दस्तावेजों पर आधारित है l
    श्रमिक परिषद :- Constitutional house द्वारा श्रमिक परिषद के उचित प्रशिक्षण से ज्ञात हुआ है कि विधि केवल वही लागू कर सकता है जिसकी वहा जरूरत है तथा विधि का ज्ञान रखें बगैर विधि को लागू नहीं किया जा सकता जैसे – जैसे श्रमिक परिषद संबंधित अधिकारियों को मौखिक के एवज में लिखित में कारण या प्रत्युत्तर मांगती है तो विधि लागू होने की प्रक्रिया आरंभ हो जाती है कर्मचारी वर्ग चाहे जितने बड़े पद पर बैठा हो वह कमजोर होता है l अपनी नौकरी को बचाने के लिए ही वह मानसिक रूप से कार्य करता है , इसलिए वह कोई भी कारण लिखित में नहीं देता जब लिखित कारण देने की बात आती है तो वह कार्यवाही आरंभ कर देता है लेकिन गैर प्रार्थी जैसे लोगों को बचाने के लिए अपनी एवं अपने परिवार की बलि नहीं देगा l विधि संचालन का ज्ञान हम श्रमिकों को नहीं था इसलिए हर मोर्चे पर हम परस्त होते थे अभी श्रमिक परिषद उस दिशा की ओर चल पड़ी है जहां प्रबंधन और देशद्रोही अधिकारियों को अपनी बिगाड़ करने की क्षमता प्रदर्शित करें l हमें कभी समझा ही नहीं कि इस लोकतंत्र में सबसे बड़ी बिगाड़ करने की क्षमता नागरिकों के पास है उसे केवल मांगने वाला वर्ग बना दिया था अभी हम मांगने वाले वर्ग से अपने आपको अलग करते हैं और बिगाड़ वाला वर्ग घोषित करते है संविधान की ताकत हम हीं है इसकी अनुभूति लेकर हम श्रमिक परिषद अपने प्रस्ताव पारित करके उचित कार्यवाही आरंभ की जाती है
  4. महोदय
    मैं ऊपर वर्णित प्रार्थी सविनय प्रार्थना पत्र प्रेषित कर रहा हूं कि मैं गैर प्रार्थी के यहां एक कर्मचारी हूं तत्कालिक घटना एवं परिस्थिति के अनुसार गैर प्रार्थी ने मेरा श्रम मूल्य सरकारी नियमों के अनुसार नहीं दिया है केवल खदान में एक बोर्ड पर लिख दिया है कि मेरा श्रम मूल्य प्रति दिन ₹ 703 = 00 है लेकिन मुझे वह भी नहीं दिया गया लिखित दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टिम से स्पष्ट होता है कि गैर प्रार्थी पर मेरा ₹ 109668 = 00 बकाया है तथा इसी आधार पर मेरा पीएफ भी प्रभावित हो चुका है जिस पीएफ खाते में मेरा अंशदान जिस निर्धारण से जमा होना चाहिए था वह नहीं हुआ इसके लिए अलग से पीएफ कार्यालय में कार्यवाही कर रहा हूं साथ ही साथ गैर प्रार्थी ने पिछले 6 महीनों से मेरा वेतन नहीं दिया है इसलिए गैर प्रार्थी जो दस्तावेज प्रस्तुत करेगा उसी से यह प्रमाणित हो जाएगा l
    मैं अपना बकाया वसूलने के लिए न्यायिक प्रक्रिया से जा रहा हूं लेकिन औद्योगिक शांति बनाए रखने के उद्देश्य से अर्ध न्यायिक आपके क्षेत्र अधिकार की रिपोर्ट की अनिवार्यता के कारण मैं आपके समक्ष औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 (2) मैं अपनी प्रार्थना बातचीत करके उचित न्याय के लिए प्रेषित कर रहा हूं अतः महोदय से प्रार्थना है कि प्रकरण दस्तावेजों पर आधारित है और गैर प्रार्थी विधि को न मानने वाला सभा आधारित व्यक्ति सभी विधि हमारे पक्ष में खड़ी है इसलिए उचित कार्यवाही करें क्योंकि पूरा प्रकरण मेरे जीने के मूलभूत अधिकार से संबंधित है l
    स्थान – 19/10/2020
    दिनांक – हस्ताक्षर
    प्रतिलिपि -उचित संज्ञान लेकर कार्यवाही करने हेतु
  5. मुख्य न्यायाधीश (गोपनीय) छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर
  6. जिला एवं सत्र न्यायालय (गोपनीय) राजनांदगांव
  7. गोदावरी पावर एंड इस्पात बोरिया तिब्बु
  8. माननीय संसदीय सचिव एवं मोहला मानपुर
  9. फॉरवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी छत्तीसगढ़
  10. संबंधित मंत्रालय / कार्यालय
  11. थाना प्रभारी खडगांव
  12. इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रेस मीडिया
  13. श्री साई मिनरल्स बोरिया तिब्बु